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फैमिली बांड एफएक्यू
आईएफसीआई द्वारा वर्ष 1996 में जारी सभी प्रकार के फैमिली बांडों का 6 दिसम्बर, 2003 को मोचन कर दिया गया था, जिनके विवरण इस प्रकार हैं:
एडयूकेशन, रिटायरमेंट और ग्रोईंग इनकम बांड: निबन्धनों और शर्तों के अनुसार, आईएफसीआई ने 6 सितम्बर, 2000 को एडयूकेशन और रिटायरमेंट बांडों के समय-पूर्व मोचन के लिए कॉल ऑप्शन का प्रयोग किया और 3 व 4 जून, 2000 को समग्र भारत के समाचार-पत्रों में विज्ञापन की मार्फत से बांडधारकों को नोटिस जारी किए गए कि वे अपने बांड प्रमाणपत्र मोचन के लिए प्रस्तुत करें । ग्रोईंग इनकम बांड अपनी परिपक्तवता अवधि पर 6 सितम्बर, 2003 को मोचन के लिए देय हुए थे । निबन्धनों के अनुसार, इन बांडों पर 6 सितम्बर, 2000 अथवा 6 सितम्बर, 2003, जैसा भी मामला हो, से ब्याज मिलना बंद हो गया था और जिन निवेशकों ने मोचन राशि का दावा किया, उन्हें मोचन राशि अदा कर दी गई । डीमैट रूप में धारित बांडों के सम्बन्ध में, निवेशक द्वारा किसी भी कार्रवाई के बिना मोचन राशि अदा कर दी गई । मोचन के लिए उपर्युक्त सम्बन्धित तारीखों से सात वर्ष पूरे होने पर, एडयूकेशन, रिटायरमेंट और ग्रोइंग इनकम बांडों की अप्रदत्त और अदावाकृत राशियां कम्पनी अधिनियम, 1956 की धारा 20सी के अधीन अपेक्षित भारत सरकार के निवेशक एडयूकेशन और संरक्षण निधि (आईईपीएफ) में अन्तरित कर दी गईं हैं।
मिलियनेअर बांड (ऑप्शन I व II) और गिफ्ट बांड (नए व पुराने): बांडों के निबन्धनों और शर्तों के अनुसार, आईएफसीआई ने 6 दिसम्बर, 2003 को इन बाडों के समय-पूर्व मोचन के लिए कॉल ऑप्शन का प्रयोग किया । निर्गम के निबन्धनों के अनुसार, इन बांडों पर इसके बाद ब्याज मिलना बंद हो गया था और जिन निवेशकों ने मोचन राशि का दावा किया, उन्हें मोचन राशि अदा कर दी गई । डीमैट रूप में धारित बांडों के सम्बन्ध में, निवेशक द्वारा किसी भी कार्रवाई के बिना मोचन राशि अदा कर दी गई । इन बांडों के मोचन वारंटों का अन्तिम लॉट बांडधारकों को 01 दिसम्बर, 2010 को, हमारे रिकार्ड में उपलब्ध पतों के अनुसार,समग्र भारत के समाचार-पत्रों में नोटिस प्रकाशित करने के बाद भेजा गया और बांड प्रमाणपत्रों को निरस्त माना गया ।
लॉयल्टी बांड: जिनके पास 06.09.1996 से पूर्व आईएफसीआई के इक्विटी शेयर/प्राइवेट प्लेसमेंट बांड/एसएलआर बांड थे, उन्हें आईएफसीआई द्वारा लॉयल्टी बांड आईएफसीआई फैमिली बांड आबंटियों को मुफ्त में जारी किए गए थे। लॉयल्टी बांडों के मोचन वारंट सभी धारकों को जारी किए गए थे ।
इसका उल्लेख उत्तर 1 में किया गया है कि मोचन के लिए सम्बन्धित तारीखों से सात वर्ष पूरे होने पर, एडयूकेशन, रिटायरमेंट और ग्रोइंग इनकम बांडों की अप्रदत्त और अदावाकृत राशियां कम्पनी अधिनियम, 1956 की धारा 20सी के अधीन अपेक्षित भारत सरकार के निवेशक एडयूकेशन और संरक्षण निधि (आईईपीएफ) में अन्तरित करा दी गईं । इस धारा के उपबन्धों के अनुसार, कम्पनी अथवा आईईपीएफ से ऐसे अन्तरण के पश्चात् कोई दावा नहीं किया जा सकता ।
आपको मोचन वारंट गुम होने की सूचना आईएफसीआई लि./एमसीएस लि. (आईएफसीआई के रजिस्ट्रार एण्ड ट्रांसफर एजेंट) को देनी होगी जिसके साथ फोलियो नं. का उल्लेख करते हुए, आपके राज्य में लागू राशि के गैर-न्यायिक स्टॉप पेपर पर, विधिवत् नोटरी से सत्यापित क्षतिपूर्ति बांड प्रस्तुत करना होगा । लॉयल्टी बांडों के मामले में, क्षतिपूर्ति बांड के स्थान पर 20/- रुपए का गैर-न्यायिक शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा । निर्धारित सत्यापन के बाद, नया मोचन वारंट जारी कर दिया जाएगा ।
1 दिसम्बर, 2010 की स्थिति अनुसार हमारे रिकार्ड में उपलब्ध पते पर मिलियनेअर बांड (ऑप्शन I व II) और गिफ्ट बांड (पुराने व नए) की मोचित राशि बांडधारकों को भेज दी गई है । यदि आपको मोचन वारंट प्राप्त नहीं हुआ है तो आप ऊपर उत्तर 3 में दिए गए अनुसार कार्यवाही करें ।
आपको बैंक खाते विवरण में परिवर्तन लिए एक अनुरोध पत्र के साथ मूल मोचन वारंट आईएफसीआई/एमसीएस लि. (आईएफसीआई के रजिस्ट्रार एण्ड ट्रांसफर एजेंट) को वापस भेजना होगा तथा नए बैंक विवरण देने होंगे ताकि हम नया मोचन वारंट जारी कर सकें ।
आपको वारंट आईएफसीआई/एमसीएस लि. (आईएफसीआई के रजिस्ट्रार एण्ड ट्रांसफर एजेंट) को वापस भेजना होगा जिसके साथ प्रथम धारक के मृत्यु प्रमाणपत्र की सत्यापित प्रति और अपने बैंक खाते के विवरण भेजने होंगे । आपके बैंक द्वारा आपके हस्ताक्षर विधिवत् सत्यापित होने चाहिएं ।
ऐसे मामलों में नामिती मोचन राशि प्राप्त करने का पात्र होगा । तथापि, यदि नामिती नियुक्त नहीं किया गया है तो बांड के एकमात्र मृतक धारक (चाहे हिन्दू, मुसलमान, पारसी या अन्यथा ) के निष्पादक या प्रशासक या बांड के सम्बन्ध में भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 (1925 का 39) के भाग X के अधीन जारी उत्तराधिकार प्रमाणपत्र का धारक आईएफसीआई द्वारा बांड के अधिकारी के रूप में एकमात्र व्यक्ति माना जाएगा ।
लॉयल्टी बांड के मोचन वारंट सभी धारकों को जारी कर दिए गए हैं और आपको ये प्राप्त हो गए होंगे । यदि आपको ये वारंट प्राप्त नहीं हुए हैं तो आप ऊपर उत्तर 3 के अनुसार कार्यवाही करें ।
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